नयी दिल्ली - प्राइवेट सेक्टर के देश के सबसे बड़े बैंक आईसीआईसीआई बैंक ने अपने चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही यानी अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के नतीजे घोषित कर दिये हैं। बैंक को अब किसी भी तिमाही में सबसे अधिक मुनाफा हुआ है। बैंक ने पिछले साल के आखरी तीन महीनों में 4146.5 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया, जो आज तक आईसीआईसीआई बैंक के अपने इतिहास में किसी भी तिमाही में कमाया गया सबसे अधिक मुनाफा है।
इतना ही नहीं साल दर साल आधार पर भी बैंक के अक्टूबर-दिसंबर तिमाही मुनाफे में जोरदार 158 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गयी। 2018-19 की समान तिमाही में आईसीआईसीआई बैंक को 1605 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था। जानकारी के लिए बता दें कि बैंक को इतने तगड़े मुनाफे के पीछे एस्सार स्टील के प्रस्ताव से हुआ एकमुश्त लाभ है, जिसके कारण इसके प्रोविजन में जोरदार गिरावट आयी।
अक्टूबर-दिसंबर के दौरान आईसीआईसीआई बैंक को 4146 करोड़ रुपये के फंसे हुए लोन यानी बैड लोन की रिकवरी हुई। वहीं इसके प्रोविजन 4244 करोड़ रुपये से 51 फीसदी घट कर 2,083 करोड़ रुपये के रह गये। प्रोविजन फंसे हुए लोन के लिए बनाया जाता है। प्रोविजन के तहत डाले गये लोन डूब भी सकते हैं। बैंक की शुद्ध ब्याज आमदनी देखें तो यह 6875 करोड़ रुपये के मुकाबले 24 फीसदी की जोरदार बढ़त के साथ 8545 करोड़ रुपये की रही।
देश में कमजोर आर्थिक हालात के बावजूद आईसीआईसीआई बैंक की घरेलू लोन ग्रोथ यानी दिये गये कर्ज में 16 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। इनमें रिटेल लोन ग्रोथ 19 फीसदी की रही। वहीं बैंक के एनपीए अनुपात में सुधार हुआ। बैंक का एनपीए रेशियो 2.58 फीसदी से घट कर 1.49 फीसदी रह गया। बैंक की शुल्क आमदनी 17 फीसदी बढ़ कर 3596 करोड़ रुपये और ट्रेजरी इनकम 479 करोड़ रुपये से 11 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 531 करोड़ रुपये की रही।