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आर्थिक पुनरोद्धार, वित्तीय स्थिरता को समर्थन देने की जरूरत - शक्तिकान्त दास

January 17, 2021 08:06 AM

चेन्नई (भाषा) - भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने कहा है कि वित्तीय स्थिरता एक सार्वजनिक हित की चीज है और सभी अंशधारकों को इसके लचीलेपन और मजबूती का संरक्षण और देखभाल करने की जरूरत है।

दास ने शनिवार को वर्चुअल मंच से 39वें नानी पालकीवाला स्मृति व्याख्यान में कहा कि केंद्रीय बैंक ने अपने नीतिगत प्रयासों को एक अत्याधुनिक राष्ट्रीय भुगतान ढांचा खड़ा करने में लगाया है। इससे एक सुरक्षित, प्रभावी और लागत-दक्ष मजबूत भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र तैयार हो सका है।

उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक ऐसा अनुकूल वातावरण उपलब्ध कराने का प्रयास कर रहा है जिससे विनियमन वाली इकाइयां इन नए अवसरों का दोहन करने को तैयार हो सकें और साथ ही वित्तीय स्थिरता को कायम और संरक्षित भी रख सकें।

गवर्नर ने कहा कि केंद्रीय बैंक ‘बैड बैंक’ स्थापित करने के किसी प्रस्ताव पर विचार करने को तैयार है। उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक किसी तरह के नियामकीय दिशानिर्देश जारी करने से पहले इसकी समीक्षा करेगा।

दास ने सवाल-जवाब सत्र में कहा, ‘‘बैड बैंक पर काफी लंबे समय से विचार चल रहा है। आप जानते हैं कि रिजर्व बैंक ने संपत्ति पुनर्गठन कंपनियों (एआरसी) के लिए नियामकीय दिशानिर्देश जारी किए हैं। हम बैड बैंक की स्थापना के किसी प्रस्ताव पर भी विचार को तैयार हैं।’’

उन्होंने कहा कि नियामकीय दृष्टि से हम इसके लिए तैयार हैं। यदि कोई प्रस्ताव आता है, तो हम उसकी समीक्षा करेंगे और उसके लिए दिशानिर्देश जारी करेंगे। ‘‘लेकिन इसके लिए सरकार और निजी क्षेत्र के अन्य खिलाड़ियों को योजना बनाने की जरूरत है।’’

दास ने कहा, ‘‘जहां तक रिजर्व बैंक का सवाल है, हम अपने नियामकीय ढांचे को समय की जरूरत के हिसाब से तैयार रखेंगे। यदि कोई प्रस्ताव आता है, तो आप मेरे शब्दों पर ध्यान दें, तो रिजर्व बैंक इसकी समीक्षा करेगा और इस पर राय बनाएगा।’’

आर्थिक मामलों के सचिव तरुण बजाज ने दिसंबर, 2020 में कहा था कि सरकार देश के बैंकिंग क्षेत्र की सेहत सुधारने के लिए बैड बैंक की स्थापना सहित सभी विकल्पों पर विचार कर रही है। गवर्नर ने कहा, ‘‘वित्तीय स्थिरता के लचीलेपन और मजबूती को सभी अंशधारकों को सरंक्षित करना होगा। हमें आर्थिक पुनरोद्धार और वृद्धि को समर्थन देना होगा। हमें वित्तीय स्थिरता का संरक्षण करना होगा।’’

यह पूछे जाने पर कि क्या रिजर्व बैंक के पास बांड बाजारों को आगे बढ़ाने का कोई तंत्र है, दास ने कहा, ‘‘हमारी इस पर बाजार भागीदारों के साथ लगातार बातचीत चल रही है। रिजर्व बैंक और सेबी के बीच काफी विचार-विमर्श हुआ है।’’

एक अन्य सवाल पर कि छोटी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को बैंकों से अधिक पूंजी मिलनी चाहिए, दास ने कहा कि एनबीएफसी के लिए स्तर आधारित नियमनों पर परिचर्चा पत्र लगभग तैयार है और यह अगले कुछ दिन में जारी किया जाएगा।

एक अन्य भागीदार के विभिन्न क्षेत्रों के लिए ‘नोडल नियामक’ गठित करने के सवाल पर दास ने कहा, ‘‘आप यह बात ध्यान में रखें कि वित्तीय क्षेत्र काफी जटिल और आपस में बहुत अधिक जुड़ गया है। ऐसे में हमारे पास वित्तीय स्थिरता की व्यवस्था है। सभी नियामक नियमित रूप से मिलते हैं और विभिन्न अंतर-नियामकीय मुद्दों पर विचार-विमर्श करते हैं।

उन्होंने कहा कि हमारा जोर विभिन्न नियामकों के बीच ‘अच्छे संपर्क’ पर होना चाहिए।

 
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