Tuesday, Jul 16, 2024

सीबीआई ने छत्तीसगढ़ पीएससी भर्ती ‘घोटाले’ की जांच अपने हाथ में ली


नई दिल्ली: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (सीजीपीएससी) में कथित घोटाले की जांच संभाल ली है जिसमें तत्कालीन अध्यक्ष, अधिकारियों और नेताओं के परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों को 2020-22 के दौरान जिला कलेक्ट्रेट और पुलिस उपाधीक्षक के पद पर नियुक्त किया गया था। यह जानकारी अधिकारियों ने सोमवार को दी।


सीजीपीएससी अध्यक्ष टामन सिंह पर प्राथमिकी दर्ज

अधिकारियों ने बताया कि एजेंसी ने तत्कालीन सीजीपीएससी अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी, तत्कालीन सचिव जे के ध्रुव और अन्य के खिलाफ कथित भाई-भतीजावाद और अपने अपात्र बेटों, बेटियों, रिश्तेदारों और परिचितों की जिला कलेक्टर, पुलिस उपाधीक्षकों और ऐसे अन्य महत्वपूर्ण पदों पर भर्ती सुनिश्चित करने के लिए उन्हें प्रावीण्य सूची में आगे बढ़ाने के आरोप में एक प्राथमिकी दर्ज की है। सीबीआई ने रायपुर और भिलाई में टामन सिंह सोनवानी और सचिव ध्रुव (दोनों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज है) और अन्य के आवासीय परिसरों पर सोमवार को छापेमारी की।


टामन सिंह नेताओं के बेटे-बेटियों को प्रावीण्य सूची में किया शामिल 

जांच एजेंसी ने आरोप लगाया है कि सोनवानी के बेटे नितेश का चयन उप जिलाधिकारी, उनके बड़े भाई के बेटे साहिल का उपाधीक्षक और उनकी बहन की बेटी सुनीता जोशी का श्रम अधिकारी, उनके बेटे की पत्नी निशा कोसले का उप जिलाधिकारी और उनके भाई की रिश्तेदार दीपा आदिल का जिला आबकारी अधिकारी के पद पर चयन हुआ है। सीबीआई प्रवक्ता ने कहा कि यह भी आरोप लगाया गया है कि छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग के तत्कालीन सचिव (ध्रुव) ने अपने बेटे (सुमित) को उप जिलधिकारी के पद पर चयनित कराया। उन्होंने बताया कि एजेंसी ने आरोप लगाया है कि छत्तीसगढ़ सरकार के तत्कालीन वरिष्ठ अधिकारियों के साथ ही नेताओं के भी बेटे, बेटियों, रिश्तेदारों के नाम परीक्षा में चयनित कुल 171 अभ्यर्थियों की प्रावीण्य सूची में शामिल थे।

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सीबीआई ने छत्तीसगढ़ पीएससी भर्ती ‘घोटाले’ की जांच अपने हाथ में ली

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