- by Super Admin
- Apr, 08, 2024 04:37
तोशाम : हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले अब हरियाणा की अलग राजधानी और अपना हाईकोर्ट की मुहिम गति पकडऩे लगी है। इसको लेकर विभिन्न संगठन एकजुट होकर अपनी आवाज बुलंद करने लगे है। हरियाणा की अलग राजधानी और अपना हाईकोर्ट की मुहिम के समर्थन में ग्राम स्वराज किसान मोर्चा द्वारा संचालित गौ किसान समृद्धि ट्रस्ट की मीटिंग सोमवार को गांव ईशरवाल स्थित ट्रस्ट के कार्यालय में हुई। इस मौके पर अपनी अलग राजधानी अपना अलग हाई कोर्ट अभियान की संचालिका बिमला चौधरी ने बतौर मुख्यअतिथि शिरकत की तथा मंच का संचालन गौ किसान समृद्धि ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष युद्धवीर मंगल सिंह खरेटा ने किया। बिमला चौधरी का स्वागत गौ किसान समृद्धि ट्रस्ट के कार्यकारिणी सदस्य मा. रूघबीर सिंह भेरा ने किया।
हरियाणा को अलग होने के बावजूद पहचान नहीं मिल पाई
बैठक को संबोधित करते हुए बिमला चौधरी ने कहा कि हरियाणा को पंजाब से अलग हुए करीबन 57 वर्ष हो चुके है। लेकिन 57 वर्षो बाद भी हरियाणा को अपनी अलग राजधानी व हाईकोर्ट नहीं मिला। उन्होंने कहा कि संयुक्त पंजाब की राजधानी चंडीगढ़ को केंद्र प्रशासित घोषित कर दोनों राज्यों को सांझी राजधानी बना दिया। ऐसे में हरियाणा को अलग होने के बावजूद आजतक पहचान नहीं मिल पाई। उन्होंने कहा कि रेलवे स्टेशन पंचकूला बनाया गया है और दुनिया के नक्शे पर इसे चंडीगढ़ का रेलवे स्टेशन कहा जाता है। इसी तरह एयरपोर्ट के लिए हरियाणा का योगदान भी है। बावजदू इसके इसे मोहाली का एयरपोर्ट कहा जाता है। उन्होंने कहा कि हरियाणा का अलग हाईकोर्ट ना होने से इस राज्य के जजों को समय पर पदोन्नति नहीं मिल पाती।
अलग हाईकोर्ट बनेगा तो लोगों को समय पर मिलेगा न्याय
इस मौके पर गौ किसान समृद्धि ट्रस्ट के सचिव महेंद्र सिंह गोदारा ने कहा कि राजधानी और अलग हाईकोर्ट हरियाणा प्रदेश का वाजिब हक है। अलग हाईकोर्ट बनेगा तो लोगों को समय पर न्याय मिलेगा। उन्होंने काह कि हरियाणा को 1966 में सदियों बाद पूर्ण प्रशासनिक इकाई के रूप में मान्यता मिली। हरियाणा के इस महत्वपूर्ण मुद्दे को उजागर करने के लिए समाज के अन्य वर्गो को भी शामिल किया जाएगा। इस मौके पर गौ किसान समृद्धि ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष युद्धवीर मंगल सिंह खरेटा ने कहा कि हरियाणा की अलग राजधानी और अपना हाईकोर्ट की मुहिम का वे पुरजोर समर्थन करते है तथा जब तक यह मांग पूरी नहीं जाती तथा हरियाणावासियों को उसका हक नहीं मिल जाता, वे पूरे जोर-शोर से इस आवाज को उठाते रहेंगे। इस अवसर पर धोलिया ईशरवाल, विकास हसानिया, रामचंद्र नुनिया, प्रवीण नैन घुसकानी, संंदीप बुड़च, श्यामलाल स्वामी, जले सिंह वर्मा, कृष्ण झाझडिय़ा, कृष्ण श्योराण, राजीव श्योराण, आनद श्योराण,अनिल तलवानी, ओम कलाली, राजपाल स्लेमपुर सहित अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे।