- by Super Admin
- Jun, 30, 2024 23:58
नयी दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रालय की साइबर अपराध इकाई ने रविवार को कहा कि ईमेल पर किसी सरकारी कार्यालय से संदिग्ध ई-नोटिस मिलने पर लोगों को इसमें लिखे अधिकारी के नाम की प्रामाणिकता की इंटरनेट पर जांच करनी चाहिए और संबंधित विभाग को फोन करना चाहिए। भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (14सी) ने एक सार्वजनिक विज्ञापन में कहा कि उपयोगकर्ताओं को किसी सरकारी ई-नोटिस की आड़ में भेजे गए ‘‘फर्जी ईमेल’’ को लेकर सतर्क रहना चाहिए। विज्ञापन में आगाह किया गया है कि यह कोई ठग हो सकता है जो लोगों को ‘‘साइबर धोखाधड़ी का शिकार’’ बना सकता है।
I4सी ने ऐसे ईमेल पर क्लिक करने या उनका जवाब देने से पहले जवाबी उपाय सुझाए हैं : यह जांच करें कि क्या ईमेल किसी प्रामाणिक सरकारी वेबसाइट से आया है जिसके अंत में ‘‘जीओवी डॉट इन’’ है, ईमेल में नामित अधिकारियों के संबंध में इंटरनेट पर जानकारी खंगाले और प्राप्त ईमेल को सत्यापित करने के लिए उल्लिखित विभाग को फोन करें।
केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने जारी किया सार्वजनिक परामर्श
इस महीने की शुरुआत में, केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने ईमेल उपयोगकर्ताओं को दिल्ली पुलिस साइबर अपराध और आर्थिक अपराध, केंद्रीय आर्थिक खुफिया ब्यूरो (सीईआईबी), खुफिया ब्यूरो और दिल्ली के साइबर प्रकोष्ठ के नाम, हस्ताक्षर, टिकट और ‘लोगो’ वाले धोखाधड़ी के ईमेल के बारे में सचेत करते हुए एक सार्वजनिक परामर्श जारी किया। चार जुलाई को जारी परामर्श के अनुसार, इन ईमेल के साथ संलग्न पत्र में ईमेल प्राप्तकर्ताओं के खिलाफ बाल पोर्नोग्राफी, बाल यौन शोषण, साइबर पोर्नोग्राफी, अश्लीलता के आरोप लगाए जाते हैं।
क्या कहा सार्वजनिक परामर्श में?
इसमें कहा गया है कि ठग ऐसे फर्जी ईमेल भेजने के लिए अलग-अलग ईमेल पते का इस्तेमाल करते हैं। ऐसे किसी भी ईमेल के प्राप्तकर्ता को इस धोखाधड़ी के प्रयास के बारे में पता होना चाहिए। आम जनता को सूचित किया जाता है कि संलग्नक के साथ ऐसे किसी भी ई-मेल का जवाब नहीं दिया जाना चाहिए और ऐसे मामलों की सूचना निकटतम पुलिस थाने/साइबर पुलिस थाने को दी जा सकती है। गृह मंत्रालय और 14सी के रविवार को जारी विज्ञापन में कहा गया है कि ऐसे संदिग्ध ईमेल और अन्य प्रकार की साइबर धोखाधड़ी के बारे में तुरंत साइबर अपराध की वेबसाइट पर शिकायत दर्ज कराए या साइबर अपराध के हेल्पलाइन नंबर पर फोन करे।