Tuesday, Jul 16, 2024

Haryana News: 355 प्राथमिक विद्यालयों में नहीं कोई शिक्षक, 838 स्कूलों में सिर्फ एक


चंडीगढ़ : हरियाणा में राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की कमी का मुद्दा विधानसभा में उठता रहा है। इसके बावजूद विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति अभी तक सही नहीं हो पाई है। प्रदेश के 355 सरकारी स्कूलों में एक भी शिक्षक नहीं है, जबकि 838 स्कूल सिर्फ एक शिक्षक के सहारे चल रहे हैं। इसके उलट 2286 सरकारी स्कूलों में 3520 शिक्षक सरप्लस हैं। इनमें 2112 नियमित और 1408 अतिथि अध्यापक शामिल हैं।

 

शिक्षकों का हुआ ऑनलाइन स्थानांतरण
शिक्षकों की नियुक्ति में अनियमितताओं का मामला पकड़ में आने के बाद अब मौलिक शिक्षा महानिदेशक ने सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को ऑनलाइन स्थानांतरण होने तक सभी सरप्लस नियमित शिक्षकों और अतिथि अध्यापकों को उन स्कूलों में भेजने का निर्देश दिया है जहां कोई शिक्षक नहीं है या फिर एक ही शिक्षक है। इनकी नियुक्ति 45 दिन या अगले ट्रांसफर ड्राइव तक मान्य होगी। स्थानांतरण में सबसे पहले अतिथि शिक्षकों का समायोजन होगा। ब्लाक में नजदीकी स्कूल के लिए सबसे पहले शारीरिक रूप से अक्षम शिक्षकों, फिर महिला शिक्षकों और उसके बाद पुरुष शिक्षकों को प्राथमिकता दी जाएगी। अतिथि अध्यापकों के बाद नियमित शिक्षकों का समायोजन किया जाएगा।

 

शिक्षकों का वैज्ञानिकीकरण शुरू
मौलिक शिक्षा विभाग ने स्कूलों में छात्र संख्या के आधार पर जेबीटी, टीजीटी और सीएंडवी अध्यापकों का वैज्ञानिकीकरण करने के निर्देश दिए हैं। 60 बच्चों तक दो प्राथमिक शिक्षक, 90 तक तीन, 120 तक चार, 150 बच्चों तक पांच शिक्षक, 180 बच्चों तक पांच शिक्षकों के साथ एक मुख्य शिक्षक और 210 बच्चों पर छह शिक्षकों के साथ एक मुख्य शिक्षक नियुक्त किया जाएगा। ईएसएचएस, टीजीटी और सीएंडवी के मामले में 40 बच्चों पर एक, 41 से 75 बच्चों पर दो, 76 से 110 बच्चों पर तीन और 111 से 145 बच्चों पर चार सेक्शन बनाए जाएंगे। विद्यालय में सर्वप्रथम कनिष्ठ अतिथि अध्यापक को सरप्लस माना जाएगा। यदि अतिथि अध्यापक और नियमित अध्यापक 70 प्रतिशत दिव्यांग, विधवा या तलाकशुदा है तो उसकी दिव्यांगता श्रेणी का विवरण देना होगा। यदि जिले में सभी जेबीटी अतिथि अध्यापक सरप्लस हैं तो उन्हें अन्य जिले में समायोजित किया जाएगा। यदि किसी विद्यालय में अतिथि जेबीटी, टीजीटी/सीएंडवी अध्यापक कार्यरत नहीं है तो उस स्थिति में स्कूल में सबसे लंबे समय से नियुक्त नियमित अध्यापक को सरप्लस किया जाएगा। किसी भी मुख्य शिक्षक और मौलिक मुख्य अध्यापक को सरप्लस नहीं माना जाएगा। जिन अध्यापकों की सेवा निवृत्ति में एक वर्ष से कम का समय है, उन्हें भी सरप्लस नहीं किया जाएगा।

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