Tuesday, Jul 16, 2024

मुख्यमंत्री ने दिये हाथरस भगदड़ मामले की न्यायिक जांच के आदेश, जतायी साजिश की आशंका


हाथरस : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाथरस में एक सत्संग के बाद हुई भगदड़ की घटना में साजिश की आशंका जाहिर करते हुए इसकी न्यायिक जांच कराने का बुधवार को ऐलान किया।

 


मुख्यमंत्री ने की हाथरस में प्रेस वार्ता
मुख्यमंत्री ने हाथरस में प्रेस वार्ता में कहा कि सिकन्दराराऊ में मंगलवार को विश्वहरि ‘भोले बाबा’ के सत्संग के बाद मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत के मामले की उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अगुवाई में न्यायिक जांच करायी जाएगी तथा इसकी अधिसूचना आज ही जारी हो जाएगी। उन्होंने घटना में साजिश की तरफ इशारा करते हुए कहा, यह हादसा था या कोई साजिश और अगर साजिश थी तो इसमें किसका हाथ है इन सभी पहलुओं को जानने के लिए हम न्यायिक जांच भी कराएंगे जो उच्च न्यायालय के सेवानिवृत न्यायाधीश की अध्यक्षता में की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसमें प्रशासन और पुलिस के भी सेवानिवृत्ति अधिकारियों को शामिल किया जाएगा ताकि इस घटना की तह में जाया जा सके और जो भी इसके लिए दोषी होगा उन्हें सजा दी जाएगी।

 


अपर पुलिस महानिदेशक की अध्यक्षता में विशेष जांच दल का गठन
आदित्यनाथ ने कहा कि इस पूरे घटनाक्रम के लिए सरकार ने आगरा की अपर पुलिस महानिदेशक की अध्यक्षता में विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है, जिसने अपनी एक प्रारंभिक रिपोर्ट दी है। उन्होंने बताया कि उनसे इस घटना की तह में जाने के लिए कहा गया है और बहुत सारे ऐसे पहलू हैं जिन पर जांच होनी बहुत आवश्यक है। आदित्यनाथ ने कहा, इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार की जाएगी ताकि भविष्य में होने वाले इस तरह के किसी भी बड़े आयोजन में उसे लागू किया जा सके। इन सभी चीजों को सुनिश्चित किया जाएगा। हाथरस जिले के फुलरई गांव में मंगलवार को नारायण साकार विश्व हरि ‘भोले बाबा’ के कार्यक्रम में लाखों श्रद्धालु जुटे थे। इस दौरान मची भगदड़ में 121 श्रद्धालुओं की मौत हो गई। घटना में 31 अन्य घायल हुए हैं।

 


कार्यक्रम के बाद हुआ था हादसा
इस मामले में विश्वहरि के खिलाफ मुकदमा क्यों नहीं दर्ज किया गया, इस सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा, जिन लोगों ने कार्यक्रम के लिए अनुमति का आवेदन दिया था, प्रथम दृष्टया पहले मुकदमा उनके खिलाफ होता है। उसके बाद फिर उसका दायरा बढ़ता है। जो भी लोग इसके लिए जिम्मेदार होंगे, वे इसके दायरे में आएंगे। आदित्यनाथ ने कहा कि उन्होंने जिला अस्पताल पहुंचकर घायलों का हाल जाना तथा इस दौरान उन्हें बताया गया कि हादसा कार्यक्रम के बाद हुआ। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम में इस ‘सज्जन’ (भोले बाबा) की कथा संपन्न हुई और मंच से उतरने के बाद जैसे ही उसका काफिला बढ़ा तो पैर छूने के लिए महिलाओं का एक दल इस बाबा की ओर जाने लगा और इस समूह के पीछे-पीछे भीड़ भी जाने लगी तभी लोग एक-दूसरे के ऊपर गिरते गए।

 


हादसे के बाद घटनास्थल से भागे सेवादार
आदित्यनाथ ने कहा कि कार्यक्रम में मौजूद सेवादार भी लोगों को धक्का देते रहे जिसके कारण जीटी रोड के दोनों तरफ और उसके अंदर ऐसा हादसा हो गया। उन्होंने कहा कि इसका सबसे दुखद पहलू यह था कि इस प्रकार के आयोजन में सेवादार प्रशासन को कार्यक्रम स्थल के अंदर घुसने नहीं देते और उन्होंने दुर्घटना होने के तत्काल बाद या दुर्घटना के दौरान शुरुआत में इस मामले को दबाने का प्रयास किया, लेकिन जब प्रशासन ने घायलों को अस्पताल ले जाने की कार्रवाई शुरू की तो उनमें से ज्यादातर सेवादार वहां से भाग गए। उन्होंने कहा, इस पूरी घटना में जिम्मेदार लोगों की जवाबदेही तय करने की दिशा में आगे कार्यवाही की जा रही है। इसके लिये कुछ विशेष दल बनाए गए हैं जिनकी अलग-अलग जनपदों में कार्यवाही अब शुरू होगी और शुरुआती जांच के बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि अगर यह हादसा था तो सेवादारों को वहां अपनी व्यवस्था में सुधार करना चाहिए था और अगर वे ऐसा नहीं कर पा रहे थे तो प्रशासन का सहयोग लेकर हादसे के शिकार लोगों को अस्पताल पहुंचाने की व्यवस्था करनी चाहिए थी। आदित्यनाथ ने कहा कि इसका दूसरा पहलू यह है कि हादसे में लोग मरते गए और सेवादार वहां से भाग गए। मुख्यमंत्री ने बताया कि पूरी घटना में 121 श्रद्धालुओं की मौत हुई है जो उत्तर प्रदेश के साथ-साथ हरियाणा, राजस्थान और मध्य प्रदेश के रहने वाले थे। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में हाथरस, बदायूं, कासगंज, अलीगढ़, एटा, ललितपुर, शाहजहांपुर, आगरा, फिरोजाबाद, गौतमबुद्ध नगर, मथुरा, औरैया, बुलंदशहर, पीलीभीत, संभल और लखीमपुर खीरी जिलों के भी कुछ श्रद्धालु इस हादसे का शिकार हुए हैं।

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