Tuesday, Jul 16, 2024

हाथरस में भगदड़ मामले का मुख्य आरोपी गिरफ्तार, सूचना देने वाले को एक लाख रुपये इनाम घोषित


नोएडा : उत्तर प्रदेश के हाथरस में दो जुलाई को मची भगदड़ के मामले में मुख्य आरोपी देवप्रकाश मधुकर को हाथरस पुलिस के ‘स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप’ (एसओजी) ने दिल्ली के नजफगढ़ इलाके से गिरफ्तार कर लिया। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। हाथरस में भगदड़ की घटना में 121 लोगों की मौत हो गई थी। हाथरस के पुलिस अधीक्षक (एसपी) निपुण अग्रवाल ने बताया कि शुक्रवार देर रात गिरफ्तार किए गए मधुकर से हाल में कुछ राजनीतिक दलों ने संपर्क किया था। अग्रवाल ने बताया कि मधुकर स्वयंभू बाबा सूरजपाल उर्फ नारायण साकर हरि उर्फ भोले बाबा के कार्यक्रमों के लिए धन जुटाने का काम करता था और चंदा इकट्ठा करता था। उन्होंने बताया कि पुलिस मधुकर की रिमांड के लिए आवेदन करेगी। एसपी ने कहा, उनके वित्तीय लेन-देन, धन के लेन-देन और कॉल डिटेल रिकॉर्ड की भी जांच की जा रही है।


मुख्य आरोपी को मेडिकल जांच के लिए बागला संयुक्त जिला अस्पताल लाया गया
शनिवार को दोपहर करीब 2.15 बजे मधुकर को पुलिस द्वारा सरकारी अस्पताल के अंदर और आसपास भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मेडिकल जांच के लिए हाथरस के बागला संयुक्त जिला अस्पताल लाया गया। मधुकर ने अपना चेहरा रूमाल से ढका हुआ था और सिर पर साफा बांधा हुआ था। मधुकर उस सत्संग का मुख्य सेवादार था, जहां भगदड़ मची थी। इस घटना के संबंध में हाथरस के सिकंदराराऊ थाने में दर्ज प्राथमिकी में वह एकमात्र नामजद आरोपी है।

 

 

मधुकर के वकील ए पी सिंह का दावा
मधुकर के वकील ए पी सिंह ने शुक्रवार रात एक वीडियो संदेश में दावा किया था, हमने हाथरस मामले में दर्ज प्राथमिकी में मुख्य आरोपी बताए जा रहे देवप्रकाश मधुकर का आज आत्मसमर्पण करा दिया है। उसका यहां उपचार किया जा रहा था इसलिए पुलिस, एसआईटी और एसटीएफ को दिल्ली बुलाया गया। वकील ने कहा, हमने वादा किया था कि हम अग्रिम जमानत के लिए अर्जी दायर नहीं करेंगे क्योंकि हमने कुछ गलत नहीं किया है। हमारा अपराध क्या है? वह एक इंजीनियर और हृदय रोगी हैं। चिकित्सकों ने कहा कि उनकी हालत अब स्थिर है और इसलिए हमने जांच में शामिल होने के लिए आज आत्मसमर्पण कर दिया। सिंह ने कहा कि पुलिस अब उसका (मधुकर) बयान दर्ज कर सकती है या उससे पूछताछ कर सकती है, लेकिन उन्हें उसके स्वास्थ्य संबंधी स्थिति को ध्यान में रखना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उसके साथ कुछ गलत न हो। उन्होंने कहा, हमने अग्रिम जमानत अर्जी दायर करने या अदालत जाने जैसा कोई कदम नहीं उठाया, क्योंकि इसे खुद को बचाने के प्रयास और डरकर उठाए गए कदम के रूप में देखा जाता इस बारे में सवाल उठ रहे थे कि वह (मधुकर) कहां है और क्या वह भाग गया है। उन्होंने कहा कि मधुकर जांच में शामिल होगा और कार्यक्रम में मौजूद असामाजिक तत्वों के बारे में जानकारी साझा करेगा।

 


मधुकर की सूचना देने वाले को एक लाख रुपये इनाम घोषित
उत्तर प्रदेश पुलिस ने मधुकर की गिरफ्तारी में मदद करने वाली सूचना देने वाले को एक लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की थी। उच्चतम न्यायालय के वकील सिंह ने तीन जुलाई को दावा किया था कि वह प्रवर्चनकर्ता सूरजपाल उर्फ नारायण साकार हरि उर्फ ‘भोले बाबा’ का भी प्रतिनिधित्व करते हैं, जिसके सत्संग में भगदड़ मची थी। वकील ने कहा कि इस घटना के पीछे कुछ असामाजिक तत्वों का हाथ है। सिंह ने कहा था कि सूरजपाल राज्य प्रशासन और पुलिस के साथ सहयोग करने के लिए तैयार हैं और उन्होंने पूरे मामले की जांच की मांग की है। इस मामले में बृहस्पतिवार तक ‘भोले बाबा’ के सत्संग की आयोजन समिति की दो महिला सदस्यों सहित छह लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इस मामले में दो जुलाई को भारतीय न्याय संहिता की धारा 105 (गैर इरादतन हत्या), 110 (गैर इरादतन हत्या करने का प्रयास), 126 (2) (गलत तरीके से रोकना), 223 (लोक सेवक द्वारा जारी आदेश की अवज्ञा), 238 (साक्ष्यों को मिटाना) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने तीन जुलाई को हाथरस त्रासदी की जांच और भगदड़ के पीछे साजिश की संभावना पर गौर करने के लिए उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया था।

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हाथरस में भगदड़ मामले का मुख्य आरोपी गिरफ्तार, सूचना देने वाले को एक लाख रुपये इनाम घोषित

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