मेरा मानना है कि पढ़ाई तभी तक करनी चाहिए, जब तक आपका मन करता है। डिग्री के लिए पढ़ना, समय बर्बाद करने जैसा है। जब मैं स्कूल में थी, तभी से गाने रिकॉर्ड करने लगी थी। कभी-कभी तो स्कूल की यूनिफॉर्म में ही मुझे रिकॉर्डिंग स्टूडियो जाना होता था। अकसर इसी वजह से इंटरवल के बाद मैं स्कूल में रुकती नहीं थी।
मेरा होमवर्क भी मेरे दोस्त करते थे, क्योंकि वे जानते थे कि पूरे दिन रिकॉर्डिंग के बाद मैं रात को जागरण में गाने चली जाती थी। जब परीक्षाएं होतीं, तो वे मुझे जरूरी सवाल बता देते और उन्हें ही मैं रट लेती। ऐसे में मुझे आगे की पढ़ाई करना मुश्किल लगा, इसलिए मैंने अपने परिवार से बात करके पढ़ाई छोड़ दी और अपना पूरा ध्यान संगीत में लगाया। वैसे भी बिना त्याग के जीवन में कुछ हासिल नहीं होता।
कई चीजें ऐसी हैं, जिन्हें मैं करना चाहती हूं। लेकिन कभी समय की कमी तो कभी हालात के कारण कर नहीं पाई। मसलन, मुझे फिल्में देखने का बहुत शौक है। मैं कभी-कभी एक के बाद एक घंटों फिल्में देखती रहती हूं। उनमें मुझे कई बारीक चीजें दिखाई देती हैं, जिन पर मैं काम करना चाहती हूं। इसी तरह मुझे लिखने का बहुत शौक है और निर्देशन में भी रुचि है। मुझे हर उस काम को करने में मजा आता है, जिसमें मेरे लिए कुछ सीखने को होता है।
स्टूडियो में तकनीक की मदद से वही लोग गाते हैं जो गायक नहीं होते। हर कोई मेहनत करता है और शायद उसी मेहनत का फल होता है कि लोग उन्हें पसंद करते हैं। लोगों की पसंद बदलती रहती है और यह अच्छा भी है। इससे गायकों को और ज्यादा मेहनत करने की प्रेरणा मिलती है। मैं अगर अपनी बात करूं तो एक गायिका होने के नाते मुझे रोज सुबह अभ्यास करना चाहिए। लेकिन मैं नहीं कर पाती। इसलिए जब भी मौका मिलता है, मैं कुछ न कुछ गुनगुनाती रहती हूं। इस तरह मेरा अभ्यास भी होता रहता है।
मैंने अपर्नी जिंदगी का पहला अंतरराष्ट्रीय दौरा 12-13 साल की उम्र में किया था। उसमें बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन से लेकर श्रीदेवी और अनिल कपूर जैसे सुपरस्टार थे। उस यात्रा में मैं अकेली बच्ची थी। इसलिए जब न्यूयॉर्क में हम शो कर रहे थे, तब मुझे कहा गया कि आप सबसे पहले गाएंगी और उसके बाद ही सारी प्रस्तुतियां होंगी। एक दिन मेरे गाने के बाद अमित जी स्टेज पर आए और सब उन्हें परफॉर्म करने के लिए कहने लगे। उन्होंने मुझे गोदी में उठाया और अपनी भारी आवाज में कहा कि हम क्या परफॉर्म करेंगे, इस बच्ची ने तो हमारी छुट्टी कर दी। इसके सामने तो कोई हमें देख ही नहीं रहा है। मुझे वे पल इस तरह याद हैं, जैसे कल ही की बात हो।