सरपंच पति, प्रधान पति, प्रमुख पति, महापौर पति या इस तरह के जो नए शब्द डिक्शनरी में ईजाद हुए थे वे सब बीते जमाने की बात होती जा रही है। महिलाएं अब सभी क्षेत्रों में मुखर होती जा रही है। उत्तरप्रदेश के हालिया चुनावों से एक बात साफ हो गई है कि महिलाएं अब पुरुषों की पिछलग्गू होने के स्थान पर निर्णायक भूमिका में आ गई है। मजे की बात यह कि शहरी महिलाओं की तुलना में ग्रामीण महिलाएं दो कदम आगे हैं। माने या ना माने पर इसमेें कोई दो राय नहीं होनी चाहिए कि यूपी के चुनावों में महिलाओं ने खास ही नहीं बल्कि निर्णायक भूमिका निभाई है।