Follow us on
Friday, April 26, 2024
Business

अधिकतर राज्य जीएसटी स्लैब और दर में बढ़ोतरी के खिलाफ

December 19, 2019 06:51 AM

जीएसटी परिषद की हुई महत्वपूर्ण बैठक में ज्यादातर राज्यों ने जीएसटी स्लैब में बदलाव या वृद्धि का विरोध किया। उनकी दलील थी कि दरों में वृद्धि से नरमी की सामना कर रही अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। जीएसटी परिषद अप्रत्यक्ष कर के मामले में निर्णय लेने वाला शीर्ष निकाय है। वित्त मंत्री की अध्यक्षता वाली परिषद में राज्यों के वित्त मंत्री शामिल हैं। आम सहमति के अभाव में परिषद ने पहली बार लॉटरी पर जीएसटी दर के बारे में मतदान के जरिये निर्णय करने का फैसला किया। राज्यों के वित्त मंत्रियों ने राजस्व संग्रह में गिरावट और जीएसटी क्षतिपूर्ति भुगतान में विलमब को लेकर भी चिंता जतायी।

सूत्रों के अनुसार राज्यों के मंत्रियों ने कहा कि जीएसटी संग्रह में कमी का कारण आर्थिक नरमी है। इसका कारण जीएसटी दर का कम होना नहीं है। दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने 38वीं जीएसटी परिषद की बैठक के बाद कहा, ''दर में वृद्धि या स्लैब में बदलाव जल्दबाजी में की गयी प्रतिक्रिया होगी। राज्यों का विचार था कि सबसे पहले व्यवस्था की सभी खामियों को दूर किया जाए और अनुपालन में सुधार लाया जाए।"

राजस्व बढ़ाने पर अधिकारियों की समिति ने रिपोर्ट सौंप दी है। रिपोर्ट में स्लैब में बदलाव और दर में वृद्धि के संदर्भ में सुझााव दिया गया है। बजट पूर्व विचार-विमर्श के दौरान पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने कहा कि राज्यों ने सामाजिक व्यय में उल्लेखनीय रूप से कमी का जिक्र किया। मित्रा ने कहा, ''आगामी बजट में सामाजिक व्यय में कमी नहीं होनी चाहिए। अगर ऐसा होता है लोगों के लिये सजा होगी...।"

पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने कहा कि जहां तक राज्यों की प्रमुख चिंताओं का सवाल, वह क्षतिपूर्ति को लेकर है। राज्य यह सोच रहे हैं कि उन्हें समय पर क्षतिपूर्ति मिलेगी या नहीं। उन्होंने कहा कि उन्हें राजस्व की खराब स्थिति का पता है। हालांकि उन्हें यह जानकारी नहीं है कि स्थिति इतनी खराब है कि केंद्रीय वित्त मंत्री परिषद में आश्वासन नहीं दे सकती कि राज्यों को समय पर भुगतान किया जाएगा या नहीं।

पांच घंटे तक चली बैठक के बाद सीतारमण ने कहा कि अनुमानों पर आधारित प्रस्तुतीकरण दिया गया है वह राज्यों के अधिकारियों की समिति और केंद्र के बीच राजस्व बढ़ाने को लेकर चर्चा पर आधारित है। वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी के लागू होने के बाद अधिकारी पहली बार अपनी तरह के कुछ आंकड़े लेकर आए हैं। यह विभिन्न विकल्पों पर आधारित है। मसलन, यदि वृद्धि अमुक स्तर की रहती है तो राजस्व की स्थिति क्या हो सकती है। मंत्रियों के बीच इस बात की सहमति बनी है कि वे इस पर कुछ समय विचार करने के बाद अपने सुझाव देंगे।

सीतारमण ने कहा कि यह अनुमानों पर आधारित एक पहला प्रस्तुतीकरण था।इसमें दरें घटाने या बढ़ाने के बारे में कोई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष सुझाव नहीं था। सीतारमण ने कहा कि उन्होंने अतिरिक्त सूचनाओं को परिषद की अगली बैठक में विस्तृत विचार विमर्श के लिए रखा जाएगा। ऐसे में सबसे पहली बात यह है कि सचिव अधिकारियों की समिति ने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से दरों को घटाने या बढ़ाने का कोई प्रस्ताव नहीं दिया।

 
Have something to say? Post your comment
More Business News
मारुति सुजुकी ने मानेसर संयंत्र की क्षमता में प्रति वर्ष एक लाख इकाई का किया इजाफा रिजर्व बैंक ने 2024-25 के लिए वृद्धि दर के अनुमान को सात प्रतिशत पर कायम रखा अडाणी ग्रीन एनर्जी 10,000 मेगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता वाली भारत की पहली कंपनी बनी आरबीआई के पेशेवर प्रबंधन ने बाहरी अनिश्चितताओं से निपटने में मदद की: वित्त मंत्री सीतारमण भारत को अगले 10 वर्षों में आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने की जरूरत: प्रधानमंत्री मोदी टाटा इंटरनेशनल ने राजीव सिंघल को किया एमडी नियुक्त शेयर बाजार में तीन दिनों से जारी तेजी पर विराम, बिकवाली दबाव से सेंसेक्स 362 अंक टूटा भारत के साथ व्यापार संबंधों को फिर बहाल करने पर ‘गंभीरता’ से विचार कर रहा है पाकिस्तान किआ इंडिया के वाहन एक अप्रैल से तीन प्रतिशत तक महंगे होंगे टाटा के सेमीकंडक्टर संयंत्र सभी क्षेत्रों को करेंगे चिप आपूर्ति, 72,000 रोजगार पैदा होंगे: चंद्रशेखरन