नई दिल्ली - कोरोना वायरस की वजह से रिटेल लोन लेने वाले ग्राहकों में समय पर रिपेमेंट को लेकर कई तरह के सवाल हैं. बीते शुक्रवार को ही भारतीय रिजर्व बैंक ने ऐसे ग्राहकों को एक राहत की खबर दी है. उन्हें RBI द्वारा नीतिगत ब्याज दर में कटौती और 3 महीने की मोरेटोरियम से निश्चित ही इस संकट की घड़ी में राहत मिली होगी.
भारतीय स्टेट बैंक ने भी RBI के ऐलान के बाद कहा कि वो रेपो लिंक्ड होम लोन में 0.75 फीसदी का पूरा लाभ ग्राहकों को देगा. एसबीआई ने कहा कि उसके इस फैसले से 30 साल के होम लोन पर प्रति लाख 52 रुपये की बचत होगी. ऐसे में अगर किसी ग्राहक ने SBI से रेपो लिंक्ड आधार पर लोन लिया है तो उनकी ईएमआई कम हो जाएगी.
1 अक्टूबर 2019 के बाद से सभी बैंकों द्वारा जारी किया गया रिटेल लोन एक्सटर्नल बेंचमार्क से लिंक होंगे. ऐसे में RBI के ऐलान के बाद बैंक इसका लाभ अपने ग्राहकों को देंगे. अगर ऐसा होता है लोन लेने वाले लोगों की ईएमआई कम हो जाएगी. एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर आप अपने होम लोन का रिपेमेंट जारी रखते हैं और RBI के मोरेटोरियम पीरियड का लाभ नहीं लेते हैं तो आपको और भी फायदा हो सकता है.
मनीकंट्रोल ने अपनी एक रिपोर्ट में एक्सपर्ट के हवाले से लिखा है कि RBI द्वारा मोरेटोरियम के फैसले ने ब्याज दरों में कटौती की तुलना में लोगों का ध्यान अधिक खींचा है. जबकि, नीतिगत ब्याज दरो में कटौती से सभी तरह के किसी भी तरह के टर्म लोन लेने वाले ग्राहकों को लाभ मिलेगा. इसमें होम, आटो, पसर्नल और एजुकेशन से लेकर क्रेडिट कार्ड का बकाया भी शामिल है. अब आपके लिए यह जानना जरूरी है कि अगर आप अपनी ईएमआई का भुगतान करने में सक्षम है और मोरेटोरियम पीरियड का लाभ नहीं लेते हैं तो आपको कैसे अधिक लाभ मिलेगा.
जानकारों का कहना है कि मोरेटोरियम का मतलब है कि इसका लाभ लेने वाले ग्राहकों का लोन रिपेमेंट समय 3 महीनों के लिए बढ़ा दिया जाएगा. इसका फायदा यह होगा कि वर्तमान में ब्याज दरें कम हैं और आपके पास मौका है इसी कम ब्याज दर के दौर में आप तय समय से पहले ही लोन प्रीपेमेंट कर सकते हैं.
मोरेटोरियम का लाभ नहीं लेने पर कैसे होगा आपको फायदा
लोन कंस्ल्टेंसी फर्म मॉर्टगेजवर्ल्ड के कैलकुलेशन के मुताबिक, अगर किसी ने 45 लाख रुपये का लोन लिया है, जिसे 300 महीने में पेमेंट करना है और वह मोरेटोरियम पीरियड का लाभ लेता है तो उन्में मौजूदा ब्याज दर के आधार पर पूरे अवधि के लिए 11.59 लाख रुपये के ब्याज की बचत होगी. इसके लिए उन्हें हर महीने 34,731 रुपये की ईएमआई देनी होगी. हालांकि, अगर यही व्यक्ति इन 3 महीने में अपने मोरेटोरियम पीरियड का लाभ नहीं लेता है तो उनकी कुल बचत 15.39 लाख रुपये की होगी. ऐसे में अगर आप मौजूदा समय में EMI जमा करने में सक्षम है और आप मोरेटोरियम पीरियड का लाभ नहीं लेते हैं तो आपको फायदा हो सकता है.
केंद्रीय बैंक ने साफ कर दिया है कि इन तीन महीनों के दौरान लोन पर ब्याज कैलकुलेट किया जाएगा. मोरेटोरियम का मतलब ब्याज से राहत देना नहीं है. इसका मतलब सिर्फ यह है कि अगर आपके सक्षम नहीं है तो आपको इन 3 महीनों में ईएमआई जमा करने में राहत दी जाएगी. इसके बदले आपके कुल लोन रिपेमेंट अवधि में 3 महीने बढ़ा दिए जाएंगे.