चंडीगढ़( सोनिया अटवाल): आजकल अधिकतर युवाओं के ज्यादा शराब पीने और जंक फूड खाने की वजह से पीजीआई में पिछले 10 साल में 10 गुणा मरीज बढ़ गए हैं। जो कि बहुत चिंताजनक है। इनमें लीवर से जुड़ी बीमारियों को लेकर मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। जहां पीजीआई की ओपीडी में 250 मरीज की होती थी जो अब बढक़र 600 के नजदीक पहुंच गई है।
पीजीआई के डॉक्टर्स का कहना है कि हेल्दी लाइफ के लिए हेल्दी लीवर का होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि लीवर बॉडी का सबसे अहम ऑर्गन है। जितने भी मेटाबॉलिक फंक्शन हैं वो लीवर में ही होते हैं। जैसे खाना पचाने के काम और लीवर बॉडी की एक तरह से फैक्टरी जिसमें हम जो भी खाते हैं, उसे पचाने का काम करता है। खून का थक्का जमाने का काम भी लीवर ही करता है। प्रोटीन भी इसी में बनता है। जो हम दवाइयां लेते हैं उसका डीटोक्सिफिकेशन भी लीवर में होता है।
अल्कोहल का प्रयोग जल्द करें बंद:
अगर लीवर को ठीक करना है तो सबसे पहले बॉडी का वजन घटाना होगा। वजन ज्यादा होने से लीवर में फैट जमा जाता है। इससे बेड कॉलेस्ट्रॉल बढ़ जाता है और गुड कॉलेस्ट्रॉल हो जाता है। साथ ही डायबिटीज होने लगती है। लीवर फैटी जो जाता है, धीरे धीरे लीवर सिरोसिस हो जाती है। शराब बिलकुल न लें। बॉडी पर टेटू गुदवाने से भी लीवर डिजीज का खतरा पैदा करता है। अनसेफ इंजेक्शन का इस्तेमाल, आई वी ड्रग्स का इस्तेमाल, अनसेफ सेक्स, इसके अलावा अनसेफ डेंटल ट्रीटमेंट भी है।
बच्चों शुगर और ह्रदय रोगों को भी दे रही दस्तक:
जंक फूड के प्रति बढ़ रहे क्रेज के कारण बच्चे मोटापे का शिकार हो रहे हैं। मोटापे की यही प्रवृत्ति न केवल बच्चों को फैटी लीवर का शिकार बना रही है, बल्कि भविष्य में भी उनमें शुगर व ह्रदय रोग होने की आशंका बढ़ जाती है। बहुत से मामले ऐसे भी सामने आ रहे हैं जिनमें बच्चों का लीवर फेल तक हो जाता है। कई बार समय पर इलाज ना मिलने की वजह से बच्चों की मौत भी हो जाती है। पीजीआई, चंडीगढ़ के पीडियाट्रिक हेपेटोलॉजी के डॉक्टरों के अनुसार पीजीआई में बहुत से बच्चे आते हैं जो लीवर की बीमारियों से पीड़ित होते हैं। डॉक्टरों के अनुसार आजकल बच्चे बड़ी मात्रा में जंक फूड स्ट्रीट फूड खा रहे हैं। कोल्ड ड्रिंक पी रहे हैं जिसका उनके लीवर पर बहुत बुरा असर पड़ रहा है।
मोटापे से बच्चों में बढ़ रही फैटी लिवर की समस्या
बच्चों में मोटापे की समस्या भी बढ़ रही है, जिससे उन्हें फैटी लिवर की शिकायत हो जाती है। लिवर में इन्फेक्शन भी हो जाता है और बच्चे गंभीर रूप से बीमार हो जाते हैं। इसके अलावा अगर बच्चा गंदा पानी पी रहा है या सडक़ों पर खुले में रखी खाने की चीजों को खा रहा है तो इससे उसे हेपेटाइटिस जैसी बीमारी होने का खतरा भी बढ़ जाता है।
आगे चलकर उनके लीवर के फेल होने की संभावना भी काफी बढ़ जाती है। छोटी उम्र के बच्चों में बचपन से ही कई ऐसी दिक्कतें होती हैं, जिनसे उनके लीवर में समस्याएं आ जाती हैं। फैटी लीवर की बीमारी हाई कैलोरी और कम पोषकता वाले भोजन का ज्यादा सेवन करने वाले बच्चों में पाई जा रही है। अगर माता-पिता को मोटापा, डायबिटीज या फिर मेटाबॉलिक समस्या है तो उनके बच्चों में नॉन एल्कोहलिक फैटी लीवर का भी खतरा बढ़ जाता है।
लीवर खराब होने की वजह
अल्कोहल लीवर डिजीज
फेटी लीवर डिजीज
हेपेटाइटिस सी और बी वायरस
ये हैं लक्षण
भूख कम लगना
वजन कम होना
पीलिया होना
पेट में पानी भर जाना