डेस्क: आमतौर पर सुनने को मिलता है कि बच्चे पढ़ाई के लिए या फिर पैसा कमाने के लिए विदेश का रूख करते है लेकिन कभी इसके विपरीत की कहानी ना तो आपने सुनी होगी और ना ही पढ़ी होगी। अपने बच्चों को गलती पर उन्हें सिखाने के लिए कई बार माता-पिता उसे डांट भी देते हैं तो कई बार हाथ भी उठा देते है। अब इसे सुनकर सभी के दिमाग में यहीं आ रहा होगा कि ये तो बिल्कुल सही है। लेकिन बात अगर विदेश की करें तो वहां पर ऐसा करने से शायद आपका बच्चा ही आपसे छीन जाए। ऐसा इसलिए क्यों कि जर्मनी में रह रहे एक भारतीय कपल को अपने ही बच्चे को पाने के लिए मशक्कत करनी पड़ रही है।
दरअसल बात ऐसी है कि सरकार ने उनके बच्चे को छीनकर फॉस्टर केयर में रख दिया है । बच्चे का नाम बेबी अरिहा शाह है जो पिछले दो सालों से वहीं हैं। मां- बाप बच्चे को पाने का हर संभव प्रयास कर रहे है लेकिन जर्मन सरकार इसके लिए मंजूरी ही नहीं दे रही है। सरकार का कहना है कि बच्ची के साथ यौन दुर्व्यवहार हुआ है। पेरेंट्स गुहार लगाते रहे कि उसे एक छोटे हादसे में चोट लगी, लेकिन उनकी बात सुनी नहीं गई। पिछले डेढ़ सालों से अरिहा फॉस्टर होम में है और 6 महीने और बीतते ही वो दोबारा कभी अपने माता-पिता के पास नहीं भेजी जा सकेगी। क्योंकि वहां ऐसा माना जाता है कि 2 साल फॉस्टर के माहौल में बिताने के बाद बच्चे दूसरे माहौल में एडजस्ट नहीं कर पाते। यानी अगर कुछ ही समय में पेरेंट्स के पास बच्ची वापस नहीं लौटी तो भारतीय कपल को उसकी उम्मीद ही छोड़नी होगी।
ऐसा ये एक मामला नहीं बल्कि कई किस्से है जिसमें दुनिया में हिंसा की खबरें सामने आती रहती है। चाइल्ड-फ्रेंडली देश नॉर्वे पर भी अक्सर ऐसा आरोप लग चुका है। नॉर्वे में बच्चे को हल्की सी चपत लगाने पर भी माता-पिता या अभिभावकों को जेल हो सकती है।