बेंगलुरु : समाज सेविका और लेखिका सुधा मूर्ति ने शुक्रवार को कहा कि उन्हें राज्यसभा के लिए मनोनीत करने का फैसला दोगुना अचंभित करने वाला है, क्योंकि यह घोषणा अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन की गई है। इंफोसिस फाउंडेशन की पूर्व अध्यक्ष सुधा मूर्ति ने कहा कि उन्होंने कभी किसी पद की लालसा नहीं की और ‘उन्हें कोई जानकारी नहीं है’ कि सरकार ने उन्हें संसद के उच्च सदन के लिए क्यों मनोनीत किया है। इंफोसिस फाउंडेशन सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी इंफोसिस की कॉरपोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) के तहत किए जाने वाले काम को क्रियान्वित करने की इकाई है। सुधा मूर्ति ने कहा, ‘‘इसकी घोषणा महिला दिवस के दिन की गई है, यह दोगुना अचंभित करने वाला फैसला है। मैं प्रधानमंत्री की आभारी हूं।’’ इंफोसिस के सह संस्थापक एन आर नारायणमूर्ति की पत्नी सुधा मूर्ति इस समय थाईलैंड की यात्रा पर हैं और ‘पीटीआई-भाषा’ से फोन पर बातचीत में उन्होंने यह प्रतिक्रिया दी। उच्च सदन में अपनी भूमिका के बारे में उन्होंने कहा, ‘‘मुझे देखना होगा कि क्या स्थिति है...मैं क्या कर सकती हूं। यह मेरे लिए नया क्षेत्र है। इसलिए, मुझे पहले बैठ कर अध्ययन करना होगा, तभी मैं समझ पाऊंगी कि क्या कर सकती हूं।’’ उन्होंने कहा कि उन्हें इस घोषणा से सुखद आश्चर्य हुआ।