बददी : हिमाचल व पंजाब की सीमा को जोडऩे वाले दभोटा पुल न बनने से जहां प्रदेश के उद्योग संगठन लघु उद्योग संघ ने दो दिन पहले धरना प्रदर्शन किया था वहीं आज उसके पदाधिकारी वास्तविक स्थिति जानने के लिए आनंदपुर साहिब (जिला रोपड़) पहुंचे। प्रदेशाध्यक्ष अशोक कुमार राणा व उपाध्यक्ष रमेश शर्मा के नेतृत्व में उद्योग व सामाजिक संस्थाओं का एक दल आज पंजाब के आनंदपुर साहिब एस.डी.एम कार्यालय पहुंचा जिसके तहत जुलाई 2023 में क्षतिग्रस्त हुआ दभोटा पुल आता है। अशोक राणा ने एसडीएम राजपाल सिंह सेखों को बताया कि यह पुल 10 माह पहले गिर गया था लेकिन आज तक पंजाब सरकार ने इसकी सुध नहीं ली। यह पुल हिमाचल व पंजाब का एक मुख्य पुल है जो कि दोनो सूबों को सांस्कृतिक, सामाजिक, औद्योगिक व धार्मिक दृष्टि से जोडता है। जिस समय पुल का कुछ हिस्सा धंसा तब हमें बताया कि गया कि यह पुल पंजाब सरकार के अधीन है और पूर्व में पंजाब ने ही इसको बनाया था । पंजाब के बहुत से लोग नालागढ़ के उद्योगों में काम करने आते हैं वहीं व्यापार के लिए बीबीएन एक प्रमुख स्थल है। हिमाचल के लोग भी इसी पुल से होकर ऊना, आंनदपुर साहिब व नंगल होकर धर्मशाला तक जाते हैं। इस पुल की मुरम्मत या नवनिर्माण की जिम्मेदारी पूरी तरह पंजाब सरकार की है लेकिन फिर भी पंजाब सरकार ने इस संदर्भ में पिछले 10 माह को कोई भी कदम नहीं उठाए जो कि चिंताजनक है। इस पुल के क्षतिग्रस्त होने से लोगों को 6 से 10 किलोमीटर अतिरिक्त सफर कर भरतगढ़ पहुंचना पड़ रहा है वहीं लोग नदी को पार करके भी आ रहे हैं। प्रतिनिधिमंडल में लघु उद्योग संघ के महासचिव अनिल मलिक, उपाध्यक्ष रमेश शर्मा, फेडरेशन आफ इंडियन इंडस्ट्री के प्रदेश संगठन सचिव डा. राणा, जैन सभा के उपाध्यक्ष सतीश जैन व सामाजिक कार्यकर्ता श्रीकांत शर्मा भी शामिलथे।