नई दिल्ली : खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने बुधवार को कहा कि संशोधित मानदंडों के बाद खेलो इंडिया के पदक विजेता भी अब सरकारी नौकरी पाने के लिए पात्र होंगे। ठाकुर ने कहा कि यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मजबूत खेल पारिस्थितिकी तंत्र, जमीनी स्तर पर प्रतिभाओं को निखारने तथा खेल को एक आकर्षक और व्यवहार्य करियर विकल्प में बदलने के दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है। उन्होंने कहा कि कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग ने खेल मंत्रालय के परामर्श से सरकारी नौकरी चाहने वाले खिलाड़ियों के लिए पात्रता मानदंडों में संशोधन किया है। ठाकुर ने एक्स पर अपनी पोस्ट में कहा,खेलो इंडिया खेलों (युवा, विश्वविद्यालय, पैरा और शीतकालीन) के पदक विजेता खिलाड़ी अब सरकारी नौकरी पाने के पात्र होंगे। इसके साथ ही विभिन्न खेलों में समावेशिता सुनिश्चित करने के लिए खेलों और आयोजनों को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है। उन्होंने कहा, ये संशोधित नियम भारत को खेलों की महाशक्ति बनाने में हमारे एथलीटों का समर्थन करने में एक महत्वपूर्ण प्रगति का प्रतीक हैं। खेलो इंडिया खेलों का पहली बार 2018 में आयोजन किया गया था। इससे पहले कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग ने अपने आदेश में कहा था,खेल विभाग से परामर्श के बाद अधिक स्पष्टता लाने, हाल के समय में महत्व हासिल करने वाली प्रतियोगिताओं को इसमें शामिल करने और इन प्रतियोगिताओं में अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को प्रोत्साहन देने के लिए दिशानिर्देशों की समीक्षा की गई। आदेश के अनुसार जिन प्रतियोगिताओं को राष्ट्रीय महत्व का दर्जा दिया गया है उनमें राष्ट्रीय खेल महासंघों द्वारा आयोजित राष्ट्रीय चैंपियनशिप, भारतीय ओलंपिक संघ द्वारा आयोजित राष्ट्रीय खेल तथा खेलो इंडिया विश्वविद्यालय खेल, खेलो इंडिया युवा खेल, खेलो इंडिया शीतकालीन खेल और खेलो इंडिया पैरा खेल शामिल हैं।